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सोमवार, 4 जनवरी 2021

the Constitution of India? What the constitution of India says about appointment of a CDS and also whether is it constitutional?

 चीफ ऑफ डिफेसं स्टाफ (CDS) क्या है?

  • तीनों सेनाओं, थल सेना, वायु सेना और भारतीय नौसेना के बीच अच्छे संबंध स्थापित करने हेतु इस पद का गठन किया गया है।
  • सीबीएस  देश के सशस्त्र बलों का सर्वोच्च रैंक (तीनों सेनाओं) द्वारा अधिकारी होता है,
  •  सीडीएस तीनों  सेनाओं का प्रमुख भी होगा तथा एक पांच सितारा सैन्य अधिकारी  होगा, 
  •  सीडीएस तीनों सेनाओं का प्रमुख होगा इस कारण से उसके पास सैन्य सेवा का लंबा अनुभव एवं उपलब्धियां होनी चाहिए।

कौन होगा देश का पहला सीबीएस?

  • भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बन गए हैं 
  • बिपिन रावत के रिटायर होने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने देश के अगले सेना अध्यक्ष होंगे
  •  केंद्र सरकार ने सीडीएस पोस्ट के लिए सेना के  नियमों में संशोधन कर उम्र की सीमा को बढ़ाकर 65 साल किया था 
  • जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना अध्यक्ष के तौर पर अपना 3 साल का कार्यकाल पूरा करके 31 दिसंबर 2019 को रिटायर हो रहे हैं इसके बाद वह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद संभालेंगे 62 साल के विपिन रावत 65 साल की उम्र पूरी होने तक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर रहेंगे।

सी डी एस  की क्या भूमिका 

  •  तीनों सेनाओं के बीच में तालमेल को और बेहतर बनाने के लिए जल्दी सैन्य मामलों का विभाग का गठन किया जाएगा 
  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ इसके चीफ होंगे
  •  सीडीएस की दूसरी भूमिका चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थाई अध्यक्ष की होगी
  •  इसमें सीडीएस की भूमिका सशस्त्र सेनाओं के ऑपरेशंस में आपसी समन्वय तथा उसके लिए वित्त प्रबंधन की होगी।

सीडीएस की मांग कब उठी थी ?

  • इसकी मांग सुरक्षा विशेषज्ञ साल 1999 के कारगिल युद्ध के बाद से करते रहे हैं 
  • कारगिल युद्ध के बाद तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में साल 2001 में बने ग्रुप ऑफ़ मिनिस्टर्स (GOM) ने भी तीनों सेनाओं के बीच अच्छा तालमेल स्थापित करने हेतु सीडीएस की सिफारिश की थी 
  • ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने अपनी सिफारिश में कहा था अगर कारगिल युद्ध के दौरान ऐसी कोई व्यवस्था होती है तथा तीनों सेनाऐ अच्छे तालमेल से युद्ध के मैदान में उतरते तो नुकसान बहुत कम होता
  •  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को लाल किले की प्राचीर से देश की तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को और बेहतर बनाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ(सीडीएस) का नया पद बनाने का घोषणा किया था
  •  उसी समय से सबसे सीनियर मिलिट्री कमांडर होने की वजह से मौजूदा सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत को देश के पहले सीडीएस बनाने के कयास लगाए जा रहे थे और इन्हें सीडीएस बनाया गया

शुक्रवार, 25 दिसंबर 2020

Write the name of five pillar in Indian Constitution

भारतीय संविधान में पांच स्तंभ का नाम लिखें ?

भारतीय संविधान के मुख्य चार स्तंभ (1) विधायिका (2) कार्यपालिका (3) न्यायपालिका (4)  पत्रकारिता को भारतीय संविधान के स्तंभ कहा जाता है लेकिन 12 मई 2020 को   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि 21वी सदी भारत की बने इसके लिए देश को आत्मनिर्भर बनाना ही एकमात्र रास्ता है उन्होंने कहा कि यह एक अभूतपूर्व संकट है जिसमें हमें खुद को बचाना होगा और आगे भी बढ़ना होगा आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने यह  पांच पिलर्स बताएं  हैं 

सबसे  पहला पिलर इकोनामी  है एक ऐसी इकोनामी जो इंक्रीमेंटल चेंज नहीं  बल्कि जो क्वांटम जंप लाए !

 दूसरा पिलर इंफ्रास्ट्रक्चर है  एक ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचान बने

तीसरा पिलर हमारा सिस्टम है एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दियों की रीति नीति नहीं  बल्कि 21वी सदी के सपनों को साकार करने वाली टेक्नोलॉजी वाली व्यवस्था पर आधारित हो

चौथा पिलर हमारी डेमोग्राफी (आबादी)-  दुनिया के सबसे बड़े  लोकतंत्र में हमारी वाइब्रेंट डेमोग्राफी हमारी ताकत है आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्त्रोत है। 

 पांचवा पिलर मांग (demand)-  हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है,  जो ताकत है उसे पूरी क्षमता से उपयोग में लेने की  जरूरत है 



तथा इसी के साथ 20 लाख  करोड़ का पैकेज 2020 में देश की विकास यात्रा को आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देने का कार्य किया है

Article 202 of the Indian constitution restricts to whom to prepare the financial statements

  भारतीय संविधान का अनुच्छेद 202 वित्तीय विवरण तैयार करने के लिए किसे प्रतिबंधित करता है 

भारतीय संविधान  का अनुच्छेद 202 भारत के राष्ट्रपति के द्वारा वित्त मंत्री एवं संबंधित मंत्रालयों से वार्षिक वित्तीय विवरण तैयार करने के लिए बाध्य करता है जिससे राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों के सामने प्रस्तुत करता है या किसी नियुक्त व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत करवाता है तथा राज्यों में राज्यपाल द्वारा राज्य के वित्तीय संबंधित विभागों या वित्त मंत्रालय द्वारा वित्तीय विवरण तैयार कर विधानसभा के समक्ष रखने हेतु बाध्य करता है

रविवार, 20 सितंबर 2020

भाग व अनुच्छेद

 भाग 3 अनुच्छेद 12 से 35 तक

 भाग 3  मौलिक अधिकार

 मौलिक अधिकार अमेरिका से लिए गए है मौलिक अधिकार व न्यूनतम अधिकार हैं जो प्रत्येक समय व्यक्ति को जीवन जीने और अपने जीवन के समग्र विकास हेतु आवश्यक है उन्हें मौलिक अधिकार कहते हैं क्योंकि यह अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त है आते इन्हें संवैधानिक अधिकार भी कहते हैं मूल संविधान में साथ मूल अधिकार थे किंतु 44 वें संविधान संशोधन 1978 के द्वारा संपत्ति के मौलिक अधिकार 19F या 19च  व अनुच्छेद 31 को मौलिक अधिकारों की सूची से हटा कर अनुच्छेद 301 के तहत संपत्ति के अधिकार को विधि या कानूनी अधिकार बना दिया गया राष्ट्रीय आपातकाल 352 के तहत अनुच्छेद 20 वे 21 को छोड़कर अन्य सभी मौलिक अधिकारों को स्थगित किया जा सकता है मूल रूप से सविधान में मूल रूप से 7 मौलिक अधिकार है किंतु वर्तमान में 6 मौलिक अधिकार है 

  1. समानता का अधिकार अनुच्छेद 14 से 18
  2. स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 19 से 22 
  3. शोषण के विरुद्ध अधिकार अनुच्छेद 23 से 24 
  4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 25 से 28 
  5. संस्कृति व शिक्षा का अधिकार अनुच्छेद 29 से 30
  6. संवैधानिक उपचार का अधिकार अनुच्छेद 32

समानता का अधिकार अनुच्छेद 14 से 18

  •  अनुच्छेद 14:-  विधि के समक्ष समानता अर्थात सभी के लिए एक ही कानून
  • अनुच्छेद 15:-  धर्म वंश मुल जाति लिंग जन्म स्थान के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा
  • अनुच्छेद 16:- लोक नियोजन में अवसर की समानता आरक्षण इसी अनुच्छेद के तहत आता है जोकि सामाजिक आधार पर दिया गया है  अनुच्छेद [16 (4)] अनुसार पदोन्नति का अधिकार नहीं है।
  • अनुच्छेद 17:-  अस्पृश्यता  का अंत
  • अनुच्छेद 18:- उपाधियों का अंत कोई भी व्यक्ति विदेश से इनाम अवार्ड डिग्री नहीं ले सकता बिना सरकार की अनुमति के।


 स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 19 से 22 तक

 अनुच्छेद 19:-  वर्तमान में 6 स्वतंत्रता दी गई है

  •  अनुच्छेद 19 ए के अनुसार बात एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता 
  • अनुच्छेद 19 बी के अनुसार सभा करने की स्वतंत्रता 
  • अनुच्छेद 19 सी  के अनुसार संज्ञा संगठन बनाने की स्वतंत्रता सहकारी समिति के गठन का अधिकार यहीं पर है 
  • अनुच्छेद 19 डी के अनुसार देश के किसी भी भाग में घूमने का अधिकार, आवागमन करने की स्वतंत्रता
  • अनुच्छेद 19 ई के अनुसार देश के किसी भी भाग में बसने का अधिकार 
  • अनुच्छेद 19 एफ  के अनुसार संपत्ति रखने की स्वतंत्रता अब इसे हटा दिया गया 
  • अनुच्छेद 19 जी के अनुसार जीविकोपार्जन की स्वतंत्रता
 अनुच्छेद 20:-   अपराधों के लिए दोषसिदी के लिए सरंक्षण 

  1.  अपराध करते समय जो कानून हैं उसी के तहत सजा, ना पहले वाले कानून और  ना बाद वाले कानून के तहत।
  2.  एक अपराध के लिए एक ही बार सजा हो सकती है दो बार नहीं।
  3.  किसी भी व्यक्ति को स्वयं के विरुद्ध गवाही देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।

 अनुच्छेद 21:- प्राण व दैहिक स्वतंत्रता अर्थात जीने-मरने का अधिकार।  किस अनुच्छेद में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कई सारे अधिकार दे रखे हैं जैसे बंधुत्व नहीं बनाने जाने का अधिकार

शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

अनुच्छेद व भाग

  भाग 2 अनुच्छेद 5 से 11 तक

भाग  II .  नागरिकता से संबंधित प्रावधान

  •  अनुच्छेद 5:-  अधिवास द्वारा नागरिकता 
यदि किसी व्यक्ति का जन्म भारत में हुआ है और उसके माता-पिता में से किसी एक का जन्म भारत में हुआ है तो वह भारत का नागरिक कहलाएगा।

  •  अनुच्छेद 6:-  यदि कोई व्यक्ति 9 जुलाई 1948 से पहले भारत आया है तो वह व्यक्ति भारत का नागरिक कहलाएगा अथवा 19 जुलाई 1948 के बाद भारत आया है तो वह भारत सरकार द्वारा पंजीकृत किया गया है वह भारत का नागरिक कहलाएगा । नागरिकता हेतु पंजीकरण हेतु उसे भारत में रहते हुए कम से कम 8 महीने होने चाहिए।
  •  अनुच्छेद 7:-  जो व्यक्ति 1 मार्च 1947 के बाद भारत से पाकिस्तान चला गया है तो वह भारत का नागरिक ना ही कहलाएगा ।
1955 के नागरिकता अधिनियम के अनुसार 26 जनवरी 1950 के बाद भारत में जन्म लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति भारत का नागरिक कहलायगा।

  •  अनुच्छेद 8:- 
  • अनुच्छेद 9:- इसके अनुसार यदि कोई भारतीय नागरिक अन्य देश की नागरिकता स्वेच्छा से ग्रहण करता है तो उसकी भारतीय नागरिकता स्वतः  ही समाप्त हो जाती हैं ।
  • अनुच्छेद 10:-  नागरिकता का अधिकार, संसद द्वारा की गई विधि के अलावा किसी अन्य प्रकार से नहीं छिना जा सकता है।
  • अनुच्छेद 11:- नागरिकता में परिवर्तन संसद ही कर सकती है। 1971 के पहले जो भी नागरिक बांग्लादेश से भारत आ गया हो वह भारत का नागरिक कहलाएगा।

अनुच्छेद व भाग

  भाग 1 (अनुच्छेद 1 से 4 तक)

भाग 1:-  संघ राज्य क्षेत्र

  •  अनुच्छेद 1:-  इस अनुच्छेद में भारत को भारत तथा इण्डिया  को राज्य का संघ कहा जाता है भारत का कोई भी राज्य भारत से अलग नहीं हो सकता है अर्थात राज्य के अस्तित्व को गारंटी नहीं दी गई है।
  •  अनुच्छेद 2:-  नए राज्यों का प्रवेश जिसके तहत स्वतंत्रता के पश्चात अर्जित क्षेत्रों को देश का हिस्सा बनाया गया ।
  • अनुच्छेद 3:-  भारत में राज्यों का अस्तित्व प्रशासनिक दृष्टि से हैं और प्रशासनिक सुविधा के लिए राज्यों के नामों में परिवर्तन किया जा सकता है उनकी सीमाओं में परिवर्तन किया जा सकता है और नए राज्यों का निर्माण भी किया जा सकता है नए राज्यों के निर्माण का अधिकार संसद को प्राप्त हैं नए राज्यों के निर्माण के लिए संसद कानून बनाकर विधानमंडल के पास भेजती है विधानमंडल को डेढ़ महीने में परिवर्तन व अपरिवर्तन के साथ जवाब देना आवश्यक हैं लेकिन संसद विधानमंडल के परिवर्तन को मान भी सकती है और नहीं भी ।
  • अनुच्छेद 4:-  अनुच्छेद 2 व 3 के आधार पर किए गए किसी भी परिवर्तन से अनु. 1 व 4 में अनिवार्य रूप से संशोधन होगा।इस किसी भी संविधान संशोधन अधिनियम 368 के तहत नहीं माना जाएगा।