भाग 1 (अनुच्छेद 1 से 4 तक)
भाग 1:- संघ राज्य क्षेत्र
- अनुच्छेद 1:- इस अनुच्छेद में भारत को भारत तथा इण्डिया को राज्य का संघ कहा जाता है भारत का कोई भी राज्य भारत से अलग नहीं हो सकता है अर्थात राज्य के अस्तित्व को गारंटी नहीं दी गई है।
- अनुच्छेद 2:- नए राज्यों का प्रवेश जिसके तहत स्वतंत्रता के पश्चात अर्जित क्षेत्रों को देश का हिस्सा बनाया गया ।
- अनुच्छेद 3:- भारत में राज्यों का अस्तित्व प्रशासनिक दृष्टि से हैं और प्रशासनिक सुविधा के लिए राज्यों के नामों में परिवर्तन किया जा सकता है उनकी सीमाओं में परिवर्तन किया जा सकता है और नए राज्यों का निर्माण भी किया जा सकता है नए राज्यों के निर्माण का अधिकार संसद को प्राप्त हैं नए राज्यों के निर्माण के लिए संसद कानून बनाकर विधानमंडल के पास भेजती है विधानमंडल को डेढ़ महीने में परिवर्तन व अपरिवर्तन के साथ जवाब देना आवश्यक हैं लेकिन संसद विधानमंडल के परिवर्तन को मान भी सकती है और नहीं भी ।
- अनुच्छेद 4:- अनुच्छेद 2 व 3 के आधार पर किए गए किसी भी परिवर्तन से अनु. 1 व 4 में अनिवार्य रूप से संशोधन होगा।इस किसी भी संविधान संशोधन अधिनियम 368 के तहत नहीं माना जाएगा।
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