संविधान सभा का गठन
- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संविधान सभा के लिए प्रारूप समिति के अध्यक्ष बने हैं ।
- बी एन राव संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किए गए ।
- 22 जून 1947 को संविधान सभा द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव स्वीकृत हुए ।
- कैबिनेट मिशन योजना के अंतर्गत संविधान सभा के लिए भारत के प्रांतों में 296 प्रतिनिधियों का चुनाव हुआ।
- जिसमें कांग्रेस के 208 मुस्लिम लीग के 73 और 15 ब्रिटिश प्रांतों से थे
- संविधान सभा का प्रथम वाचन 4 नवंबर 1948 को वह दूसरा वाचन 15 से 16 नवंबर 1948 और तीसरा वाचन 17 से 26 नवंबर 1949।
- 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई जिसके पहले अध्यक्ष अस्थाई रूप से डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा चुने गए।
- 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष चुने गए।
- 13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा संविधान सभा के समक्ष उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
- संविधान सभा में कुल 389 सदस्य जिनमें से ब्रिटिश प्रांतों के 293 वह देसी रियासतों के 93 प्रतिनिधि और 4 कमिश्नर क्षेत्र से प्रतिनिधि होंगे ।
- प्रत्येक प्रांत से भेजे जाने वाले सदस्यों की संख्या निश्चित होगी मोटे तौर पर 10,00,000 की जनसंख्या पर एक प्रतिनिधि चुनने एकाधिकार था यह सब 1946 के कैबिनेट मिशन में शामिल था {हालांकि पुनर्गठित संविधान में सदस्यों की संख्या 324 निश्चित की गई}
- कुल मिलाकर संविधान सभा के 11 सत्र व 65 बैठकें हुई जिसके तहत 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे थे।
- 26 नवंबर 1949 को संविधान को काफी संशोधन के बाद स्वीकार कर लिया गया और इस संविधान में 395 अनुच्छेद 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे।
- संविधान के कुछ अनुच्छेद जैसे नागरिकता, निर्वाचन, अंतरिम संसद, अल्पकालिक और परवर्ती उपबंध 26 नवंबर 1949 को लागू कर दिए गए जबकि शेष उपबंध 26 नवंबर 1950 से प्रभावी हुए थे।
- 26 नवंबर 1949 को संविधान के प्रारंभ की तारीख मानी जाती है ।
- 26 नवंबर 1949 को संविधान पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों की संख्या 284 थी और इनमें सबसे पहला हस्ताक्षर कर्ता पंडित जवाहरलाल नेहरू थे।
- राष्ट्रीय ध्वज 22 जुलाई 1947 को बनाया गया।
- राष्ट्रगान 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया।
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